From Advantage to Defeat: इंग्लैंड के खिलाफ भारत की हार का विश्लेषण | IND vs ENG
हेडिंग्ले टेस्ट (20–24 जून, 2025) में भारत ने जिस तरह शुरुआत की, ऐसा लग रहा था कि यह मैच उनके पक्ष में जाएगा। दो शानदार पारियों और दमदार गेंदबाज़ी प्रदर्शन के बाद भारत मजबूत स्थिति में था। लेकिन पांचवें दिन इंग्लैंड ने 371 रनों का रिकॉर्ड लक्ष्य हासिल कर भारत को पांच विकेट से हरा दिया — टेस्ट इतिहास में भारत के खिलाफ यह सबसे बड़ा चौथी पारी का पीछा था।
तो आखिर कहां चूक गया भारत? चलिए एक-एक करके उन अहम वजहों पर नज़र डालते हैं, जिन्होंने इस जीत को हार में बदल दिया।
1. मजबूत शुरुआत, लेकिन निचले क्रम की कमजोरी
भारत ने पहली पारी में 471 और दूसरी पारी में 364 रन बनाए। पांच शतक लगे — शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत ने दोनों पारियों में कमाल किया। लेकिन जब बात पारी को खत्म करने की आई, तो भारत दोनों बार अचानक ढह गया:
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पहली पारी में 430/3 से 471 पर ऑलआउट — 41 रन पर 7 विकेट
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दूसरी पारी में 333/4 से 364 पर ऑलआउट — 31 रन पर 6 विकेट
यह दिखाता है कि भारत निचले क्रम में साझेदारियाँ बनाने में नाकाम रहा, और यहीं से मैच फिसलने लगा।
2. कैच छोड़ना पड़ा भारी
इस टेस्ट में भारत ने करीब 10 कैच छोड़े — जो पिछले 14 वर्षों में किसी एक टेस्ट में उनकी सबसे खराब फील्डिंग रही।
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यशस्वी जायसवाल ने बेन डकेट का कैच छोड़ा जब वे 97 पर थे — उन्होंने बाद में 149 रन बना डाले।
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ओली पोप, ज़ैक क्रॉली और हैरी ब्रूक को भी जीवनदान मिले।
सुनिल गावस्कर ने भारत की फील्डिंग को "टेस्ट स्तर के लायक नहीं" बताया।
3. इंग्लैंड की 'बाज़बॉल' रणनीति ने पलट दिया खेल
इंग्लैंड ने एक बार फिर अपनी आक्रामक बैज़बॉल शैली से चौंकाया:
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बेन डकेट (149) और ज़ैक क्रॉली (65) ने चौथी पारी में 188 रन की ओपनिंग साझेदारी की — इंग्लैंड के लिए चौथी पारी में दूसरी सबसे बड़ी।
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जो रूट (53*) और डेब्यू कर रहे जेमी स्मिथ ने मैच खत्म किया।
इंग्लैंड ने पांचवें दिन के पहले सेशन में ही खेल अपने पक्ष में कर लिया।
4. गेंदबाज़ी में एकरूपता और रणनीति की कमी
जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लेकर बेहतरीन गेंदबाज़ी की, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई मदद नहीं मिली। शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज ज्यादा असरदार साबित नहीं हुए।
रवींद्र जडेजा, जिनसे टर्न और बाएं हाथ की विविधता की उम्मीद थी, 1/104 के आंकड़े पर सिमट गए।
5. मानसिक रूप से दबाव में बिखर गई टीम
भारत ने कई बार ऐसे फैसले लिए जो अनुभवहीन लगे। बल्लेबाज़ों ने खराब शॉट्स खेले, और कप्तानी में भी कहीं न कहीं रणनीति की कमी नजर आई।
पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सुझाव दिया कि गेंदबाज़ी में विविधता लाने के लिए अर्शदीप सिंह को शामिल किया जाना चाहिए था।
निष्कर्ष: सीखने की जरूरत
टीम इंडिया के पास यह मैच जीतने का शानदार मौका था। लेकिन बार-बार की गई गलतियाँ — निचले क्रम का ढह जाना, कैच छोड़ना, रणनीति में स्पष्टता की कमी और गेंदबाज़ी में गहराई की कमी — ने मैच भारत से छीन लिया।
भारत को अब करना होगा:
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निचले क्रम में धैर्य और साझेदारी पर काम
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स्लिप फील्डिंग में सुधार
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गेंदबाज़ी में विविधता लाना (जैसे कलाई स्पिन या बाएं हाथ का पेसर)
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दबाव में संयम बनाए रखना
श्रृंखला का अगला टेस्ट 2 जुलाई से एजबेस्टन में है — भारत को वापसी करनी है, और उसके लिए उन्हें हर विभाग में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
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